प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के अनमोल रत्न हैं: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी
के बारे में
बहुत सारे लोग
अलग अलग कहानी
सुनाते है लेकिन
बहुत सारी विशेषताएँ हैं जो
नरेंद्र भाई मोदी
में हैं-नरेन्द्र
भाई मोदी भारत
के पहले प्रधान
मंत्री है जो
'स्वतंत्र भारत' में पैदा
हुए थे, जो
कि 15 अगस्त, 1 9 47 के
बाद पैदा हुए
। वह पहले
भारतीय प्रधान मंत्री हैं,
प्रधानमंत्री शपथ लेते
समय उनकी माता
जी जीवित हैं।
वह उच्चतम मार्जिन
लगभग 5.70 लाख, वडोदरा द्वारा
लोकसभा सीट जीतने
का रिकॉर्ड रखते
हैं। बहुत सारे
लोग ये बोलते
हैं के प्रधान
मंत्री चाय बेचा
करते थे, मान
लो अगर ये
बात सही भी
है तो क्या
चाय बेचने वाला
प्रधान मंत्री नहीं बन
सकता? ऐसी बात
बोलने वाले जब
इतने ही होशियार
थे तो खुद
ही क्यों नहीं
एक गाँव का
ही मुखिया बन
गए?
जिस के अन्दर
जो टैलेंट होता
है वो बन
ही जाता है.
ऐसा नहीं है
के मै बीजेपी
या मोदी सरकार
से खुश हूँ
लेकिन जो सच
है वो लिख
रहा हूँ और
मुझे सच लिखने
में कोई तकलीफ
नहीं होती है.
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प्रधानमंत्री मोदी |
सब लोग चिल्लाते
हैं कि मोदी
जी ने ये
वादा किया वो
वादा किया कुछ
भी पूरा नहीं
किया.इससे पहले
जिस नेता को
या जिस सरकार
को वोट देते
थे क्या आप
से वो नेता
या वो पार्टी
कोई वादा नहीं
करती थी?अगर
वादा करती थी
तो फिर कितना
प्रतिशत पूरा होता
रहा है? अगर
पूरा हुआ होता
तो चम्पारण जहां
से महात्मा गांधी
ने सत्याग्रह आंदोलन
शुरू किया था
जो आंदोलन गांधी
को महात्मा बनाया
वो चम्पारन आज
भी अंधेरों में
डूबा हुआ रहता
है,सड़क की
हालत ऐसी है
के पद यात्रा
भी मुश्किल होता
है,पढ़ाई और
हॉस्पिटल की कोई
खास सुविधा नहीं-
बारिश और सैलाब
में तबाही ऐसी
होती है के
इंटरनेशनल न्यूज़ बन जाता
है हर तरफ
तबाही ही तबाही
नज़र आती है.
तो क्या पहले
बिना वादा किये
हुए सरकार को
ही वोट देते
रहे हैं? अगर
आप सब ने
ऐसा किया है
तो फिर दोषी
कौन है?
नरेंद्र मोदी भारत
के वर्तमान प्रधान
मंत्री हैं वह
लोकसभा में वाराणसी
निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व
करते हैं।
वह भारतीय जनता पार्टी
(भाजपा) के सबसे
प्रमुख नेता हैं।
उनकी पार्टी के
लिए उन्हें एक
मास्टर रणनीतिकार
माना जाता है।
वह लगातार चार
बार गुजरात के
मुख्यमंत्री रहे हैं।आप
सब जानते हैं
कि नरेंद्र मोदी
ने बीजेपी
पार्टी में एक
नयी जान फूंक
दी है,पूरा
भारत सिर्फ मोदी
मोदी के नारे
में डूबा हुआ
है ! ये लोक
प्रियता क्या
आम के पेड़ पे लगते हैं के कोई गया और तोड़ लाया?नहीं ये एक लम्बी मुद्दत के प्रयास का नतीजा होता है ! जिस को सिर्फ अपनी मंज़िल नज़र आती हो लेकिन उसके मुश्किल रास्ते नहीं वही लोग इस मुकाम को हासिल करते हैं जिस में एक .नरेन्द्र भाई मोदी भी हैं!
नरेन्द्र दामोदरदास मोदी गुजरात के मेहसाणा जिले में वडनगर नामक एक शहर के ग्रॉसर्स के परिवार में पैदा
हुए थे। उनका जन्म 17 सितंबर 1 9 50 में हुआ था। दंपति के छह बच्चे थे, जिनमें नरेंद्र मोदी तीसरे सबसे बड़े थे।भले आज कल कुछ पोलिटिकल लोग चिल्लाते है के मुस्लिम इतने सारे बच्चे पैदा करते है इस पे रोक लगनी चाहिए- कानून ऐसा हो के सिर्फ दो पैदा करें ये सब बेकार की बाते हैं,अगर नरेंदर मोदी के माता पिता भी ऐसा ही सोंचे रहते के सिर्फ दो ही बच्चा पैदा करना चाहिए तो आज नरेंद्र मोदी हमारे बीच नहीं होते और भारत के प्रधान मंत्री नहीं होते हो सकता है कोई ये कमेंट कर सकता है कि नरेंद्र मोदी के माता पिता मुस्लिम थोड़ी थे के उन के लिए सिर्फ दो ही पैदा करने का क़ानून होता जी हाँ नहीं थे लेकिन भारत में कोई क़ानून बनेगा तो सब के लिए बनेगा ये भी सोचना जरुरी है !
हुए थे। उनका जन्म 17 सितंबर 1 9 50 में हुआ था। दंपति के छह बच्चे थे, जिनमें नरेंद्र मोदी तीसरे सबसे बड़े थे।भले आज कल कुछ पोलिटिकल लोग चिल्लाते है के मुस्लिम इतने सारे बच्चे पैदा करते है इस पे रोक लगनी चाहिए- कानून ऐसा हो के सिर्फ दो पैदा करें ये सब बेकार की बाते हैं,अगर नरेंदर मोदी के माता पिता भी ऐसा ही सोंचे रहते के सिर्फ दो ही बच्चा पैदा करना चाहिए तो आज नरेंद्र मोदी हमारे बीच नहीं होते और भारत के प्रधान मंत्री नहीं होते हो सकता है कोई ये कमेंट कर सकता है कि नरेंद्र मोदी के माता पिता मुस्लिम थोड़ी थे के उन के लिए सिर्फ दो ही पैदा करने का क़ानून होता जी हाँ नहीं थे लेकिन भारत में कोई क़ानून बनेगा तो सब के लिए बनेगा ये भी सोचना जरुरी है !
नरेंद्र मोदी के
राजनीतिक कैरियर
नरेंद्र मोदी को
हमेशा लोगों की
जरूरत के मुताबिक
काम करने और
उनकी मदद करने
के लिए उत्साह
होता।
एक युवा लड़के
के रूप में,
नरेंद्र मोदी ने
1 9 65 में भारत-पाक
युद्ध के दौरान
रेलवे स्टेशनों पर
सैनिकों को
स्वेच्छा से अपनी
सेवाएं देने की
पेशकश की थी।
उसी वक़्त से
उनका मानसिकता रही
है के मुझे
कैसे सेवा
करना चाहिए के देश
के लिए कुछ
अछ्छा हो ! वही
मेहनत और लगन
आज एक आम
और मामूली घर
के
लड़के को भारत
का प्रधान मंत्री
बना दिया ! उन्होंने
1 9 67 गुजरात के बाढ़
के दौरान प्रभावित
लोगों को
भी सेवा
प्रदान की। मोदी
ने गुजरात स्टेट
रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन
के स्टाफ कैंटीन
में काम करना
शुरू किया।
अंततः वहां से
वह आरएसएस के
एक पूर्णकालिक समर्थक
और प्रचारक बन
गए, जिसे आमतौर
पर 'प्रचारक'
कहा जाता था।
अपनी पढ़ाई के
बीच में काम
कर के अपना
खर्च पूरा करना
क्या ये बुरी
बात है?ये
आत्म विश्वास की बात होती
है, आज कल
बहुत सारे लोग
विदेश पढ़ने जाते
हैं वह पार्ट
टाइम काम भी
करते हैं जिससे
उनका अपना खर्च पूरा
होता है तो
क्या वो पिज़्ज़ा
वाला या बर्गरवाला
हो जाते हैं?जिन्हे ज़िम्मेदारी का
एहसास होता है वही लोग इस
तरह की ज़िन्दगी
पसंद करते हैं
! इसलिए प्रधान मंत्री मोदी
जी को चाय
वाला बोलना बिलकुल शोभा नहीं देता है!
मोदी ने सभी
बाधाओं के खिलाफ
अपनी पढ़ाई पूरी
की संघर्ष की
उनकी गाथा शुरू
हुई, जब एक
किशोर के
रूप में, वह
अपने भाई के
साथ अहमदाबाद के
एक रेलवे स्टेशन
के निकट एक
चाय की दुकान
चलाने के लिए
इस्तेमाल किया। उन्होंने विद्यानगर
से विद्यालय की
पढ़ाई की और
गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति
विज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त
की।इतनी परेशानी के बाद
भी हिम्मत नहीं
हारी और बस
आगे बढ़ते रहे
ऐसा इंसान देश का प्रधान मंत्री नहीं
बनेगा तो कौन
बनेगा ! उनके एक
स्कूल शिक्षक ने
एक औसत छात्र
के रूप में
बताया लेकिन, उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक
संघ (आरएसएस) के
एक प्रचारक (प्रमोटर)
के रूप में
काम किया।
उन्होंने
17 साल की उम्र
में घर छोड़
दिया और अगले
दो सालों तक
पूरे देश में
यात्रा की। नरेंद्र
मोदी बहुत
कम उम्र से
एक कुशल आयोजक
थे। आपातकाल के
दौरान, उन्होंने आरएसएस छापों
के गुप्त संचलन
की
व्यवस्था की और
आपातकाल के शासन
के खिलाफ भी
विरोध प्रदर्शन किया।
वक़्त के साथ
खुद को बुलंदी
की ऊंचाई पे
चढ़ते गए और
वह लगातार चार
बार गुजरात के
मुख्यमंत्री रहे हैं।
अब भारत के
प्रधान मंत्री हैं. ऐसे
लोग भारत के
अनमोल रत्न हैं
! ज़िन्दगी से लड़ते
हुए इस तरह
आगे बढ़ना
किसी योद्धा से कम
काम नहीं है
! ऐसे इंसान को
सलाम जो वक़्त
और ज़िन्दगी को
मात देते हुए
आगे बढ़ता
गया ! लेकिन आज कल
बहुत सारे लोग
सिर्फ बुराई तलाश
करने में लगे
रहते हैं, मै
मानता हूँ के
हर इंसान में
कुछ अच्छाई होती है
तो बहुत सारी
बुराई भी होती
है, लेकिन हमें
मख्खी की तरह
इंसान का पूरा
खूबसूरत
शरीर छोड़ के
सिर्फ गन्दगी पे
नहीं बैठना चाहिए,
हम ऐसे महान
इंसान को भारत
का अनमोल रतन
कहने
में कोई संकोच
नहीं कर रहे
हैं !
nice article
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